क्या TAFCOP से यह भी पता चल सकता है कि कोई सिम किस नेटवर्क पर है?

आज के समय में हर किसी के पास मोबाइल फोन है और मोबाइल चलाने के लिए एक SIM कार्ड ज़रूरी होता है। SIM कार्ड हमारी पहचान से जुड़ा होता है और इसका इस्तेमाल बैंक, सरकारी सुविधा, ऑनलाइन OTP और बहुत सी जरूरी चीज़ों में होता है। लेकिन कई बार कुछ लोग किसी और की पहचान यानी documents का गलत इस्तेमाल करके SIM कार्ड निकाल लेते हैं। इससे फ्रॉड और धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं। इस तरह की दिक्कतों से बचाने के लिए भारत सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है जिसका नाम है TAFCOP (Telecom Analytics for Fraud Management and Consumer Protection)। इस पोर्टल की मदद से आप यह जान सकते हैं कि आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर चालू हैं। लेकिन बहुत से लोग यह भी जानना चाहते हैं कि क्या इस पोर्टल से यह पता चल सकता है कि वो SIM किस company का है जैसे Jio, Airtel, Vi या BSNL? इसी सवाल का जवाब हम इस पूरे article में बहुत आसान भाषा में देने जा रहे हैं। साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि अगर TAFCOP से यह नहीं पता चलता, तो और कौन-कौन से तरीके हैं जिससे नेटवर्क की जानकारी ली जा सकती है।

What is Tafcop? TAFCOP क्या है?

TAFCOP एक सरकारी वेबसाइट है जिसे खास तौर पर आम लोगों की मदद के लिए बनाया गया है। जब आप इस पोर्टल पर अपना मोबाइल नंबर डालते हैं और OTP के ज़रिए लॉगिन करते हैं, तो आपको पता चल जाता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर एक्टिव हैं। यह एक बहुत अच्छी सुविधा है क्योंकि इससे आप यह पता कर सकते हैं कि कहीं आपके नाम पर किसी और ने SIM कार्ड तो नहीं ले रखा। लेकिन इस पोर्टल की एक लिमिट यह है कि ये आपको यह नहीं बताता कि वो SIM किस टेलीकॉम नेटवर्क का है। मतलब आपको यह तो दिखेगा कि आपके नाम पर कौन-कौन से नंबर हैं, लेकिन यह नहीं दिखेगा कि वो नंबर Jio का है या Airtel का या फिर किसी और का। इसकी वजह यह है कि TAFCOP का मकसद केवल यह बताना है कि आपके नाम पर कितने SIM कार्ड चल रहे हैं, न कि उनका नेटवर्क provider कौन है। नेटवर्क की जानकारी नहीं दिखाने के पीछे एक कारण यह भी हो सकता है कि इससे user की privacy (गोपनीयता) बनी रहती है।

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TAFCOP पोर्टल क्या करता है और यह कैसे काम करता है?

TAFCOP Portal की शुरुआत भारत सरकार ने इसलिए की ताकि मोबाइल नंबर से होने वाले फ्रॉड को रोका जा सके। कई बार लोगों को पता भी नहीं होता कि उनके documents का इस्तेमाल करके किसी ने नया सिम निकाल लिया है। जब तक फ्रॉड हो जाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। TAFCOP पोर्टल इस खतरे को कम करता है। इसका यूज़ करना बहुत आसान है। आपको सिर्फ tafcop.dgtelecom.gov.in वेबसाइट पर जाना है, फिर अपना मोबाइल नंबर डालना है और एक OTP आएगा। OTP डालते ही आपको एक लिस्ट दिखेगी जिसमें आपके नाम पर सभी चालू नंबर दिखेंगे। आप किसी भी अनजान नंबर को ‘report’ कर सकते हैं जिससे उस नंबर की जांच शुरू हो जाए। लेकिन फिर से याद रखिए, ये पोर्टल आपको यह नहीं बताएगा कि वो नंबर किस network का है। यानी Airtel है, Jio है या कोई और ये info यहां नहीं मिलेगी। इसका कारण यह है कि ये पोर्टल network details को public नहीं करता। इससे user की सुरक्षा और privacy बनी रहती है।

Mobile Number Portability (MNP) से नेटवर्क पहचानना क्यों मुश्किल है?

MNP यानी Mobile Number Portability एक ऐसी सुविधा है जिसमें आप अपना नंबर बदले बिना telecom company बदल सकते हैं। जैसे अगर पहले आप Airtel यूज़ कर रहे थे और अब आप Jio में shift हो गए हैं, तो आपका मोबाइल नंबर वही रहेगा लेकिन नेटवर्क बदल जाएगा। इसी वजह से अब सिर्फ नंबर देखकर यह बताना मुश्किल हो गया है कि वह किस कंपनी का है। पहले के समय में नंबर की शुरुआत जैसे 98, 97, 96 से देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि यह नंबर किस कंपनी का है। लेकिन MNP की वजह से यह तरीका अब सही नहीं माना जाता। TAFCOP पोर्टल भी इसी वजह से network provider की जानकारी नहीं दिखाता क्योंकि जो नंबर पहले Airtel का था वो अब Jio में चला गया हो सकता है। और अगर TAFCOP यह जानकारी दिखाए तो वो गलत हो सकती है। यही वजह है कि TAFCOP केवल यह बताता है कि नंबर आपके नाम पर है या नहीं, पर वह किस company का है, यह नहीं दिखाता।

अगर TAFCOP नेटवर्क नहीं बताता तो फिर कैसे पता करें?

अगर आप जानना चाहते हैं कि कोई SIM किस नेटवर्क का है, तो उसके लिए कुछ आसान तरीके हैं।

अगर TAFCOP नेटवर्क नहीं बताता तो फिर कैसे पता करें

1. मोबाइल नंबर सीरीज़ से पहचान

भारत में मोबाइल नंबर 10 अंकों के होते हैं और उनके पहले 4–5 अंक (जैसे 98, 99, 97 आदि) यह संकेत देते हैं कि वह नंबर मूल रूप से किस नेटवर्क से जारी हुआ था। इसके लिए आप Google पर “Mobile number series India” सर्च कर सकते हैं।

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हालांकि, जैसा कि पहले बताया गया, यह तरीका MNP के चलते सटीक नहीं हो सकता।

2. Truecaller जैसे ऐप्स का उपयोग

Truecaller जैसे मोबाइल ऐप्स में अक्सर मोबाइल नंबर की नेटवर्क जानकारी भी होती है। हालांकि ये डेटा crowdsourced होता है और हमेशा सही नहीं होता।

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3. SMS या USSD कोड से

अगर आपके पास वह सिम कार्ड है, तो आप USSD कोड या SMS की मदद से नेटवर्क की जानकारी ले सकते हैं। उदाहरण के लिए:

  • Jio: “MY PLAN” लिखकर 199 पर भेजें
  • Airtel: *121# डायल करें
  • Vi: *199# डायल करें

4. नेटवर्क की वेबसाइट या कस्टमर केयर

यदि आप नेटवर्क ऑपरेटर को जानते हैं, तो आप उनकी वेबसाइट या कस्टमर केयर से नंबर की पुष्टि कर सकते हैं।

TAFCOP की सीमाएं और user की privacy का ध्यान

TAFCOP पोर्टल काफी काम की चीज़ है लेकिन इसके कुछ limitations भी हैं। सबसे बड़ी लिमिट यह है कि यह आपको नेटवर्क की जानकारी नहीं देता। यह जानबूझकर किया गया है ताकि user की गोपनीयता यानी privacy बनी रहे। मान लीजिए किसी ने आपके नाम पर SIM निकाला और अगर TAFCOP उस नंबर का नेटवर्क दिखा दे, तो फ्रॉड करने वाला जान सकता है कि उसका नेटवर्क कौन सा है और वह किसी भी तरह से सिस्टम को manipulate कर सकता है। इसी वजह से सरकार ने TAFCOP को limited info देने के लिए बनाया है। इसका उद्देश्य user को सुरक्षित रखना है, न कि सारी जानकारी खोल देना। साथ ही TAFCOP पर वही नंबर दिखते हैं जो active होते हैं। अगर कोई SIM बंद है या हाल ही में activate हुआ है, तो वह लिस्ट में न दिखे, ऐसा भी हो सकता है। इसलिए हमेशा दूसरे तरीकों से cross-check करना ज़रूरी है।

क्या TAFCOP भविष्य में नेटवर्क की जानकारी भी दिखाएगा?

यह सवाल बहुत से लोगों के मन में आता है कि क्या TAFCOP भविष्य में यह भी बताएगा कि SIM किस network का है? तकनीकी रूप से देखा जाए तो यह संभव है। लेकिन ऐसा करने के लिए सरकार को telecom companies से data लेना पड़ेगा और साथ ही user की approval यानी अनुमति भी ज़रूरी होगी। फिलहाल भारत में privacy से जुड़े कड़े नियम हैं और किसी भी तरह का personal data बिना user की मंजूरी के दिखाना सही नहीं माना जाता। इसलिए अभी के लिए TAFCOP यह सुविधा नहीं देता। लेकिन भविष्य में अगर सरकार और telecom कंपनियां आपस में कोई agreement करती हैं और data sharing की अनुमति मिलती है, तो यह हो सकता है कि TAFCOP इस तरह की जानकारी भी देने लगे। इससे transparency तो बढ़ेगी ही, साथ ही फ्रॉड से लड़ने में भी आसानी होगी। तब तक हमें यही सलाह दी जाती है कि अगर आपको किसी नंबर का नेटवर्क जानना हो, तो ऊपर बताए गए दूसरे तरीके अपनाएं।

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